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Jasol Dham

माड़ भाषा रामुंगा मोती

माड़ भाषा रामुंगा मोती

नियमित रूप से मूल्य Rs. 150.00
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श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान जसोल धाम रे सौजन्य सूं प्रकाशित पोथी '*मायड़ भासा रा मुंहगा मोती*' भक्ति काल, रीतिकाल अर वर्तमान काल री डिंगल-राजस्थानी कविताओं रो सांगोपांग संकलन है। विद्यानुरागी अर डिंगल काव्य प्रेमी ठाकुर पूरणसिंह जी बूड़ीवाड़ा आपरी चौखी चूंप सूं इण पोथी रे मांय कवि शिरोमणि भक्त महात्मा ईसरदास जी बारहठ, महाकवि चंद वरदाई, विक्रम वैताल, महाराजा मानसिंह जी जोधपुर काव्य,अष्टछाप-कवि कृष्णदास, सुंदरदास, रसखान, कवि गंग, रामचरण दास, संत सगराम, संत सादूळ,  कवि पूंजाजी हड़वेचा, जोधदानजी चारण, वीर रस, सिणगार रस, गुरु-चेला, ऊगड़ा भाणेज, बूढापै रा दूहा, कोटड़ा राणा बागजी रा दूहा समैत राजिया, मोतिया, चकरिया, जेठवा हलांमण, नाथिया, किसनिया आद सोरठां अर गूढ़ार्थ आडी औखांणा रो सांवठो संग्रै कीधो है।

सामग्री की सूची

हाइलाइट

• डिंगल छंदों आर राजस्थानी काव्य रो संग्रह
• परंपरागत मूल राजस्थानी काव्य कृति
• श्री माजीसा मंदिर संस्थान जसोल धाम द्वारा प्रकाशित
• ठाकुर पूरणसिंह जी बूड़ीवाड़ा द्वारा संकलित
• डिंगल रसावल निदेशक दीपसिंह भाटी 'दीप' द्वारा संपादित

विवरण

प्रकाशक: श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान जसोल
संपादक: दीप सिंह भाटी
भाषा: राजस्थानी
पृष्ठ: 92 पृष्ठ
प्रकाशन वर्ष: 2022
आईएसबीएन: 978-81-957482-4-2

विक्रेता: डिंगल रसावल शोध संस्थान
बाडमेर, राजस्थान

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