बातां रा गैघट्ट
बातां रा गैघट्ट
बातां रा गैघट्ट में घणकरी बातां इतिहास है, जिणरा नाम गिणावण री जरूरत नी है, बातां रा शीर्षक ई बता दैवे कै ऐ इतिहास कथावां है। *छपनियो काळ* अर *डंक भडळी* यूं तो लागै कै ऐ इतिहास सूं बारै है, पण है कठै ? दोनूं ई मानखै री उण बखत री जीयाजूण सूं जुड़ियोड़ी कथावां है। *डंक-भडळी* दौन्यूंई जबरदस्त सुगन विचार'र जीवण जीवणिया मिनख-लुगाई हा अर वांरी ऐ मौसम री पारख री बातां राजस्थानी मानखै री जबान माथै है। अर ठालौभूलौ *छपनियो काळ* नाम सुणतांई मिनखां रे हींयै री कोरणी कांपण लागै। छपनियै काळ री गळाई ऐक *पचीसौ काळ* ई पड़ियौ हौ अर औ काळ गीतां में गाईजियौ- 'फेर मती आईजै ,बैरी पचीसा रे काळ।'
सामग्री की सूची
सामग्री की सूची
पुस्तक में शामिल कहानियाँ (राजस्थानी बातपोश) :-
1. बातां री बात
2.अबळा-आधार महात्मा गरवो जी
3. सोढो राणो खींवरो
4. ऐधूळो भाटी भेरजी
5. मालजी-लालजी
6. जीवणजी जाट
7. डंक-भडळी
8. नींबजी भाटी री दाढ़ी
9. खम्यावान मड़दाणी भीलणी
10. झंवर चौधरी पुरखोजी
11.रावतियो रिड़मल
12. कुळधरा-ऊछाळो
13. मोडां सूं मठ गया-ठाकरां सूं गढ
14. महासुगनी भाटी भोजराज
15. चारुमती रो कागद
16. मरठधारी मानवी मिनजी रतनू
17. कोटड़ा राणो बागजी
18. रूठी राणी ऊमादे
19.भैराळ काळ छपनियो
20.जुगतो जी सुथार
हाइलाइट
हाइलाइट
• साहित्य री संप्रेषणीय शैली बातपोश विधा रो सजीव चित्रण
• लोक जीवन री सांगोपांग झांकी
• लोकोक्तियां अर मुहावरों रो सहज प्रयोग
• डिंगल काव्य रे छंदों रो जबरदस्त जायका
• साहित्य रे नौ रसों रो परिपाक
विवरण
विवरण
लेखक: दीप सिंह भाटी
भाषा: राजस्थानी
पुस्तक की लंबाई: 142 पृष्ठ
प्रकाशन वर्ष: 2023
आईएसबीएन: 978-81-962706-0-5