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सैंसूँ घणी पढ़ी जावण वाली पोथ्यां
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पलपलती प्रेम कथावां
विक्रेता:Deep Singh Bhatiनियमित रूप से मूल्य Rs. 300.00नियमित रूप से मूल्ययूनिट मूल्य / प्रतिRs. 300.00विक्रय कीमत Rs. 300.00 -
डिंगल रो डणको
विक्रेता:Deep Singh Bhatiनियमित रूप से मूल्य Rs. 250.00नियमित रूप से मूल्ययूनिट मूल्य / प्रतिRs. 250.00विक्रय कीमत Rs. 250.00 -
सूरां-पूरां री शौर्य गाथावां (1)
विक्रेता:Deep Singh Bhatiनियमित रूप से मूल्य Rs. 400.00नियमित रूप से मूल्ययूनिट मूल्य / प्रतिRs. 400.00विक्रय कीमत Rs. 400.00 -
मरुधरा रा महापुरुष
विक्रेता:Deep Singh Bhatiनियमित रूप से मूल्य Rs. 550.00नियमित रूप से मूल्ययूनिट मूल्य / प्रतिRs. 550.00विक्रय कीमत Rs. 550.00 -
बातां रा गैघट्ट
विक्रेता:Deep Singh Bhatiनियमित रूप से मूल्य Rs. 450.00नियमित रूप से मूल्ययूनिट मूल्य / प्रतिRs. 450.00विक्रय कीमत Rs. 450.00 -
माड़ भाषा रामुंगा मोती
विक्रेता:Jasol Dhamनियमित रूप से मूल्य Rs. 150.00नियमित रूप से मूल्ययूनिट मूल्य / प्रतिRs. 150.00विक्रय कीमत Rs. 150.00 -
डिंगल रसावल काव्य संग्रह
विक्रेता:Deep Singh Bhatiनियमित रूप से मूल्य Rs. 350.00नियमित रूप से मूल्ययूनिट मूल्य / प्रतिRs. 350.00विक्रय कीमत Rs. 350.00 -
सूरां-पूरां री शौर्य गाथावां (2)
विक्रेता:Deep Singh Bhatiनियमित रूप से मूल्य Rs. 400.00नियमित रूप से मूल्ययूनिट मूल्य / प्रतिRs. 400.00विक्रय कीमत Rs. 400.00
Dingal Rasawal (बेस्टसेलर)
डिंगल रसावल साहित्य शृंखला (सभी 8 पुस्तकों का बंडल)
डिंगल रसावल साहित्य श्रृखंला (8 पोथ्यां रो सेट) 1. 1. बातां रा गैघट्ट 2. मरुधरा रा महापुरुष 3. सूरां पूरां री शौर्य गाथावां (भाग - 1) 4. सूरां पूरां री शौर्य गाथावां (भाग - 2) 5. पलपलती प्रेम कथावां 6. डिंगल रसावल काव्य संग्रह 7. डिंगल रो डणको 8. मायड़ भासा रा मुहंगा मोती
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नव रसां री खांण है पौथी: डिंगळ रसावळ
कवि युगदृष्टा हुया करै अर उणरौ रच्यौड़ो साहित उणजुग रै समाज रो दरपण। कवि जिण परिवेस मांय पळै-ढळै, विचरण करै, उणरै जथारथरो वरणाव वो आपरी रचनावां मांय किया करै जिकौ जुगोजुग अमर...
नव रसां री खांण है पौथी: डिंगळ रसावळ
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नवै रंग रै नूर में परम्परावां नैं पोखती पोथी: ड...
आज रै अतिबौद्धिक अरसाव उपयोगितावादी जुग में जठै लोक-परम्परावां नैं रूढियां रो नाम देय कबाड़भेळै राळण रो चाळो चालै, उण टेम मायड़भाषा राजस्थानी रै डिंगळ काव्यरूप नैंपरोटतां आपरी प्रतिभा सूं सुधी...
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हियै री हबोळ है - डिंगळ रसावळ
"दीपै वांरा दैस ज्यांरा साहित जगमगै" नै जीवण में सांगोपांग उतारतां प्रबुद्ध रचनाकार दीपसिंह भाटी 'दीप' रणधा री पोथी 'डिंगळ रसावळ' म्हारै हाथ वळु है। इणनै देखतां अर बाचतां ई म्हनै स्व. उदयराज जी...
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अंतस में ओज रो संचार करती पोथी - सूरां पूरां री...
'सूरां पूरां री शौर्य गाथावां भाग-१' पोथी म्हारै हाथवळू है। सैं सूं पैला म्हूं डिंगळ रसावळ चैनल रा सिरताज आदरजोग दीपसिंह जी भाटी सा रौ अंतस काळजै आभार परगट करती थकी...
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Moments of Prestige
Rajasthan's Literary Stars Illuminate Our Pages! See What Rajasthan's Literary Icons Are Reading About:
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POET, HISTORIAN & AUTHOR
Girdhar Dan Ratnu
Witness the resonance of Dingal poetry through the eyes of Girdhar Dan Ratnoo, a beacon of Rajasthani culture, as he explores Dingal Rasawal Kavya Sangrah with profound curiosity.
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Former Minister of State for Colonization of Rajasthan
Bhanwar Singh Bhati
Minister Bhanwar Singh Bhati immerses himself in Dingal Rasawal Kavya Sangrah, finding inspiration and wisdom within its pages.
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ARTIST
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An ode to the cultural richness of Rajasthan! Mahesha Ram, the revered singer and veena bhajan artist, discovers the lyrical beauty of Dingal Rasawal Kavya Sangrah.
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ASSOCIATE PROFESSOR, HISTORIAN
Dr. Gajadan Charan
Journey into the heart of Dingal poetry with Dr. Gajadan Charan 'Shaktisut', Associate Professor and Chairman of the Hindi Department at Government College, Sujangarh, as he delves into Dingal Rasawal Kavya Sangrah with unwavering fascination.